ऐसा धन संचिए कबीर | Potli sar pe bandh kar
कबीरा सो धन संचिये, जो आगे को होय,
सीस चढ़ाये गाठड़ी जात ना देखा कोय।।
या
कबीर सो धन संचिए, जो आगै कूँ होइ,
सीस चढ़ाए पोटली, ले जात न देख्या कोइ॥
या
कबीर सो धन संचे, जो आगे को होय,
सीस चढ़ाए पोटली, ले जात न देख्यो कोय।।
Kabir so dhan kamayie Hinglish
Kabir So Dhan Sanchiye, Jo Aage Ku Hoi,
Seesh Chadhaae Potali, Le Jaat Na Dekhya Koi.
Seesh Chadha Potali, Jaat Na Dekha koye meaning
कबीर कहते हैं कि उस धन को इकट्ठा करो जो भविष्य में काम आए।
सर पर धन की गठरी बाँध कर ले जाते तो किसी को नहीं देखा।
ऐसा धन कमाइए जो आगे का होए अर्थ
कबीर सो धन संचिए : कबीर साहेब कहते हैं की ऐसे धन का संचय करना चाहिए, जो आगे काम आये. आगे से आशय जीवन मुक्ति से है।
जो आगै कूँ होइ : जो आगे का है, जीवन मुक्ति का आधार राम नाम रूपी धन होता है।
सीस चढ़ाए पोटली : सर पर पोटली को रखकर।
ले जात न देख्या कोइ : मरने के उपरान्त अपने साथ लेकर जाता हुआ किसी ने नहीं देखा है।
Kabira so dhan sanchiye meaning in English
Kabir, save the wealth that 'remains' in the moment ultimate
Departing with a crown of material wealth, none has crossed the gate
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