Lalach Buri Balaye Kabir Das | माखी गुड में गडी रहे
लेकिन जब वह मक्खी उड़ने प्रयास करती है तो उड़ नहीं पाती, और बुरी तरह गुड़ में फंस जाती है। तब उसे अफ़सोस होता है। ठीक वैसे ही इंसान भी सांसारिक सुखों में लिपटा रहता है और अंत समय में अफ़सोस होता है और वह हाथ मलते और सर ठोकते हुए यह जाता है।
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