Shravak Shat avashyak

 सावध बनाम आवश्यक


आचार्य कुंदकुंद स्वामी ने कहा है:

दानं पूजा मुक्खो सावय धम्मो ण सावया तेण विणा

अर्थात श्रावक के धर्म में पूजा और दान ये दो क्रियाएं मुख्य है। 

इनके बिना गृहस्थ श्रावक नहीं हो सकता है !

वैसे तो श्रावक के छह आवश्यक बताए गए हैं। जिनमें शावकों को प्रतिदिन मांग में रहना चाहिए

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