मत डूबो बेईमानी में | ek tha gwala

एक था ग्वाला बड़ा निराला

दूध बेचने जाता था, पैसे खूब कमाता था 

लोभ उसे आ जाता था, पानी में दूध मिलाता था 

बंदर ने यह देख लिया, मन ही मन में सोच लिया

दूध बेचकर ग्वाला आया, आकर नदी में लगा नहाया 

उसी समय बंदर भी आया 

ले भागा पैसों की माया 

आधे पैसे तू ले ग्वाले आधे तो पानी में डाले 

पानी का धन पानी में नाक कटी बेईमानी में 

आया मजा कहानी में, मत डूबो बेईमानी में 

एक था ग्वाला बड़ा निराला, पानी में दूध मिलाता था बंदर ने सब देख लिया, पानी का धन पानी में नाक कटी बेईमानी में, ग्वाला जैन कविता


ग्वाला का अर्थ: जिसने गायों को पाला


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