रात गंवाई सोय के | Heera Janam Anmol tha Kabir

रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।

हीरा जनम अनमोल था, कौड़ी बदले जाय ॥

संत कबीर का दोहा

रात गंवाई सोय के, दिन गंवाई खाय ।  हीरा जनम अनमोल था, कौड़ी बदले जाय ॥ Raat gawai soye ke Divas gawaya khae Heera Janam Anmol tha kaudi badle jaaye doha & meaning, Kabir quote status, Kaudi meaning, मनुष्य गति की कीमत पर कबीर

रात गंवाई सोय के... शब्दार्थ

एक कौड़ी का मतलब: १ रुपए में २५६० कौड़ियां होती हैं।

रात गंवाई सोय के... कौड़ी बदले जाए भावार्थ

रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय।
हीरा जनम अनमोल था, कौड़ी बदले जाय॥

इस दोहे के माध्यम से संत कबीर दास जी मनुष्य जीवन की कीमत दर्शाते हैं। रात गंवाई सोय के... इस दोहे का सीधा सा अर्थ है कि 

हे मनुष्य तूने सो सो कर रात निकाल दी और दिन भर मवेशियों की तरह चरकर तूने दिन गवा दिया। तू बाद में पछताएगा कि तूने यह क्या किया। यह तेरा जीवन हीरा के समान अमूल्य था। इसमें तू भगवत भजन करके इस विकट संसार से मुक्ति पा सकता था। पर हे मानव, तेरे को कहां सुध थी। तूने तो सो सो कर और खा खा कर जीवन निकाल दिया। जिस जन्म में तू मानव से भगवान बन सकता था। भगवान बनने का पुरुषार्थ कर सकता था। उस जन्म का मूल्य तूने ठीक नहीं आंका। तूने उसको व्यर्थ ही नष्ट कर दिया।

अर्थात तूने हीरे को कौड़ियों के दामों में बेच दिया। इसलिए संत कबीर का कहना सार्थक है:

रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय।
हीरा जनम अनमोल था, कौड़ी बदले जाय॥

Raat gawai soye ke Kabir Doha meaning in English

Wasted precious life sleeping and eating Do something noble, Nights were wasted sleeping, days wasted eating. You were born a priceless gem, but you change constantly towards worthlessness. kabir maxims raat gawai






Nights were wasted sleeping, days wasted eating. You were born a priceless gem, but you change constantly towards worthlessness. You are wasting your precious life sleeping and eating. You should do something noble.


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