कबीरदास: काल करे सो आज कर | kal kare so aaj kar
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब॥
भावार्थ
जो कल करना था उसको आज कर लो। जो आज करना है उसको अभी कर लो। क्योंकि अगले पल प्रलय भी आ सकती है तो फिर कब करोगे?
वैसे कहा भी गया है शुभ काम में देरी कैसी?
शब्दार्थ
काल का अर्थ है कल
परलय का मतलब है प्रलय
बहुरि का अर्थ है उपरांत
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