विश्व अहिंसा दिवस २ अक्टूबर | Gandhi jayanti non-violence day | चरखा दिवस
152 वर्ष पहले आज के दिन मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। महात्मा गांधी अहिंसा की मूर्ति थे। सत्य और अहिंसा सिर्फ दो ही शास्त्रों का प्रयोग वह बड़ी से बड़ी लड़ाई जीतने के लिए किया करते थे। अहिंसात्मक तरीके से उन्होंने कई लड़ाइयां जीतीं, इसमें से मुख्य थी नमक टैक्स की लड़ाई।
आज लोगों का झुकाव हिंसा की तरफ बढ़ गया है। हिंसा से भय उत्पन्न होता है। वे लोग ताकत को देखकर अपना मन बदल लेते हैं। कहीं उनसे बलवान दिखा कि भीगी बिल्ली बन जाते हैं और कहीं उन से कमजोर दिखा तो बातें बनाते हैं कि देश को गरमवादी क्रांतिकारियों ने आजाद करवाया था।
अहिंसा न तो डर पनपाती है और न ही रौब। अहिंसा वीरों का शस्त्र है। वीर पृथ्वीराज चौहान ने १७ बार मोहम्मद गौरी पर अहिंसा दिखाई।
सच तो यह है कि भारत के सच्चे पुत्र अहिंसात्मक ही होते हैं। यदि वे अभी अहिंसात्मक नहीं हैं तो बनने की कोशिश करते हैं।
भारत में आपने कभी नहीं सुना होगा कि एक शिष्य ने अपने गुरु को गोली से उड़ा दिया। पर, यह वाकया अन्य देशों में आए दिन होता रहता है।
याद रखिए कि भारत को विश्व गुरु बनाने वाला एकमात्र शास्त्र अहिंसा है।
अहिंसा दिवस की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज के दिन हम महात्मा गांधी को याद करें और सच्चे अहिंसा को अपनाएं।
विश्व अहिंसा दिवस का इतिहास
सन 2004 में नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन इबाडी ने यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष रखा था। 2007 में यह प्रस्ताव पारित हुआ। भारत के तात्कालिक विदेश मंत्री श्री आनंद शर्मा ने इस प्रस्ताव को पारित होने में मदद की।
गांधीजी की 150 वी जयंती के समय प्रधानमंत्री मोदी जी ने गांधी जी के विचारों को जिंदा रखने की अच्छी भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के कई जाने-माने कलाकारों ने मिलकर गांधीजी के विचारों को कहा। यह वीडियो नीचे दी गई है।
अहिंसा दिवस: महात्मा गांधी के सुविचार
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आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते। |
आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।
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मैं हिंसा का विरोध करता हूं क्योंकि उस से पाया हुआ समाधान बहुत कम वक्त के लिए होता है पर उससे पैदा हुई नफरत हमेशा के लिए। |
मैं हिंसा का विरोध करता हूं क्योंकि उस से पाया हुआ समाधान बहुत कम वक्त के लिए होता है पर उससे पैदा हुई नफरत हमेशा के लिए।
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दुर्बल लोग कभी क्षमा नहीं कर सकते क्षमा करना तो बलवानों का गुण है। |
दुर्बल लोग कभी क्षमा नहीं कर सकते क्षमा करना तो बलवानों का गुण है।
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अपने आप को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है अपने आप को दूसरों की सेवा में खो देना। |
अपने आप को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है अपने आप को दूसरों की सेवा में खो देना।
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अपने उद्देश्य में विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है। |
अपने उद्देश्य में विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
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मैं मरने को तैयार हूं, पर ऐसी कोई वजह नहीं जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूं। |
मैं मरने को तैयार हूं, पर ऐसी कोई वजह नहीं जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूं।
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व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है वह जो सोचता है वही बन जाता है। |
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है वह जो सोचता है वही बन जाता है।
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ख़ुशी तब मिलेगी जब जो आप सोचते हो, जो आप कहते हो और जो आप करते हो वह एक है। |
ख़ुशी तब मिलेगी जब जो आप सोचते हो, जो आप कहते हो और जो आप करते हो वह एक है।
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आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं तो सागर गंदा नहीं हो जाता। |
आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं तो सागर गंदा नहीं हो जाता।
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