सिद्ध नाम सत्य है | Siddh Naam Satya Hai Kshamasagar Maharaj

आगे-आगे अपनी अर्थी के मैं गाता चलूँ

सिद्ध नाम सत्य है अरिहंत नाम सत्य है ।२।

 

siddh naam satya hai Kshamasagar ji Maharaj, आगे-आगे अपनी अर्थी के मैं गाता चलूँ, सिद्ध नाम सत्य है अरिहंत नाम सत्य है

पीछे-पीछे दूर तक दिख रही जो भीड़ है

पंछी शाख से उड़ा, खाली पड़ा नीड है

सृष्टि सारी देख ले, पर्याय ही अनित्य है

सिद्ध नाम सत्य है अरिहंत नाम सत्य है ।२।

 

जिनको मेरे सुख दुखों से कुछ नहीं था वास्ता ।२।

उनके ही कांधों पर मेरा कट रहा है रास्ता

आँख जब मूंदी तो कोई शत्रु है न मित्र है

सिद्ध नाम सत्य हैं अरिहंत नाम सत्य है ।२।

 

डोरियों से मैं बंधा नहीं ये मेरा संस्कार था ।२।

एक कफ़न पर मेरा रह गया अधिकार था

तुम उसे उतारने जा रहे ये सत्य है

सिद्ध नाम सत्य है अरिहंत नाम सत्य है ।२।

 

आपके अनुराग को आज ये क्या हो गया ।२।

मैं चिता पर चढ़ा महान कैसे हो गया

सत्य देख हँस रहा कि जल रहा असत्य है

सिद्ध नाम सत्य है अरिहंत नाम सत्य है ।२।

 

आपके ही वंश से भटका हुआ हूँ देवता ।२।

आत्म तत्त्व को छोड़ मैं जगत को देखता

यह अनादि काल की भूल का ही कृत्य है

सिद्ध नाम सत्य है अरिहंत नाम सत्य है ।२।

मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज


 

शब्दार्थ

नीड का अर्थ घोंसला

सत्य देख हंस रहा में सत्य का अर्थ है आत्मा


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