कैसे पहचाने कि कौन सा कपड़ा हैंडलूम पर बना है और कौन सा पावरलूम पर? | How to identify handloom clothes in hindi

यदि आप शॉपिंग करने जा रही हैैं, तो आपने दुकानदार से यह जरूर सुना होगा यह साड़ी हैंडलूम की है। वे दुकानदार आपको हैंडलूम के नाम पर मूर्ख बनाते रहते हैं और आप बनते जाते हैं। 

हैंडलूम का कपड़ा इतना सुलभ थोड़े ही न है, कि किसी भी ऐरी-गैरी दुकान पर मिल जाए। आप थोड़ी भी जानकारी इस बारे में रखेंगे तो आप आसानी से पता लगा पाएंगे कि कौन सा कपड़ा हैंडलूम का है और कौन सा पावरलूम का। बस जरूरत है आपके जागरूक होने की।

तो आइए जानते हैं हैंडलूम के कपड़े की पहचान कैसे करें।

१) हैंडलूम की साड़ी के दोनों तरफ फुंदनी बंधी रहती हैं

ऐसा इस वजह से है क्योंकि हैंडलूम की साड़ियां बड़ी मशक्कत के बाद तैयार होती है। एक बुनकर अपनी इस बुनकारी को देखने के लिए लालायित होता है। तो वह एक साड़ी और दूसरी साड़ी बनाने के बीच में जगह छोड़ता है, जिससे कभी भी चाहें, तो साड़ी लूम से निकालने में आसानी हो।

यह जो जगह छूटती है इसमें ताना तो रहता ही हैं, हां बाना नहीं जुड़ता हैं। 

साड़ी को लूम से निकालने के बाद इस बचे हुए ताने की फुंदनी बनाई जाती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है।

२) कपड़ों में से बदबू का आना

पावरलूम में जब भी कोई कपास का कपड़ा बनता है, तो आप हमेशा देखिए कि उसमें से आपको बदबू आएगी। ऐसा क्यों है? ऐसा इस वजह से है क्योंकि कपास कभी पावरलूम के लिए बना ही नहीं है। 

क्योंकि पावरलूम की गति ही इतनी अधिक होती है कि बिना कोई उपचार किए हुए कपास को शुद्ध रूप से चलाया ही नहीं जा सकता।

ऐसा क्यों?

एक तो मैंने आपको बताया कि पावरलूम की गति ही इतनी तेज होती है; दूसरा यह कि कपास इतना कमजोर होता है की वह पावरलूम की गति व मशीन को सह नहीं पाता।

अभी के लिए आप बस इतना ही समझ लीजिए कि कपास को पावरलूम के लायक बनाने के लिए उसके धागे पर मटन टैलो नामक स्टार्च का उपयोग किया जाता है। आपने सही सुना इसका नाम मटन टैलो ही है। यह मटन या बकरी के मांस से ही बनाया जाता है। तो इससे बने कपड़े में बदबू आना तो निश्चित ही है।

इस वजह से पावरलूम का आप कोई भी शुद्ध कपास का कपड़ा लें, तो आपको उसमें से बदबू आएगी ही। हैंडलूम के कपड़े में ऐसा कुछ नहीं है। तो यह एक अंतर हुआ।

३) हैंडलूम के कपड़ों में सिकुड़न आ जाती है पावरलूम के कपड़ों में ऐसा कुछ नहीं है। 

यह सिकुड़न दो वजहों से आती है। 

पहला तो कपड़े के अलग-अलग स्थान पर बाने की अलग-अलग संख्या का होना। जैसे कि किसी जगह तो १ इंच में ७२ बाने हैं और दूसरी जगह १ इंच में मात्र ६८ बाने हैं।

इसलिए कपड़े में एक सा बराबर कसाव ना आने पर, धागों को थोड़ा-बहुत फैलने की व्यवस्था हो जाती है। जिससे कि कपड़ा समतल ना हो के ऊबड़-खाबड़ बन जाता है।

और दूसरा, कपड़े में सिकुड़न आने की वजह यह है कि यह तो कपास की प्रवृत्ति ही है। इस बारे में और जानने के लिए आप नीचे दी गई लिंक से पढ़ सकते हैं।

४) बाने की दिशा में रेखा का छपना

आप यदि हैंडलूम का कपड़ा ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कपड़ा एक जैसा नहीं है। आपको इस कपड़े के बीच में कई जगहों पर रेखाएं दिखाई देंगी। यह रेखाएं इस बात को साबित कर देती हैं कि यह कपड़ा पावरलूम पर नहीं बना है।

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ऐसा कैसे?

ऐसा इस वजह से क्योंकि पावरलूम के कपड़े में आपको हर जगह पर बाने का एक सा घनत्व मिलेगा। मैं इस बात को पहले भी बता चुका हूं कि हैंडलूम के कपड़े में हर जगह बाने का घनत्व एक सा नहीं होता। किसी जगह १ इंच में आपको ७० बाने मिलते हैं तो उसी कपड़े में, किसी और जगह पर आपको १ इंच में ७३ बाने भी मिल जाया करते हैं।

५) हैंडलूम का कपड़ा बहुत मुलायम होता है

हैंडलूम का कपड़ा आसानी से ड्रेप हो जाता है। 

पावरलूम का कपड़ा कठोर होता है। वह आसानी से ड्रेप भी नहीं होता है। 

ऐसा क्यों?

ऐसा इस वजह से क्योंकि हैंडलूम का कपड़ा हाथ से बनता है तो उसमें हाथ की कोमलता भी आ जाती है। हैंडलूम का कपड़ा बनने की प्रक्रिया भी बहुत धीमी है।

जबकि पावरलूम में है ऐसा नहीं है। इसमें मशीन बहुत तेजी से चलती है। कपड़ा एकदम चुस्त बनता है। ना ही इस कपड़े में हवा घुस पाती है, और ना ही यह आरामदायक होता है।

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तो अब यह फैसला आपके समक्ष है कि आप कौन से वस्त्र पहनना पसंद करेंगे। मैंने आपको इस पोस्ट में यह बताया है कि हैंडलूम और पावरलूम के कपड़ों की पहचान कैसे करें। अभी के लिए मुझे बस इतना ही ज्ञान है। इसमें और कुछ जुड़ने लायक होगा तो आगे जोड़ा जाएगा।

धन्यवाद।

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